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Friday, July 9, 2010
MILENGE MILENGE REVIEW
‘‘ मिलेंगे-मिलेंगे‘‘ को दर्शक तो नहीं मिलेंगे।
निर्माता-बोनी कपूर, निर्देशक-सतीश कौशिक, संगीतकार-हिमेश रेशमिया, सिनेमाटोग्राफी-एस.श्री राम, लेखक- शिराज़ अहमद, गीतकार-समीर, एडीटर-संजय शर्मा
इस शुक्रवार जो फिल्म ‘मिलेंगे मिलेंगे‘ रिलीज हुई, दर्शकों को इस फिल्म के रिलीज होने का इन्तज़ार था, और वह इन्तज़ार इसलिए नहीं था कि उन्हें इस फिल्म के प्रोमो पसन्द आए, बल्कि इसलिए था क्योंकि यह शाहिद कपूर और करीना कपूर की फिल्म है, और इससे पहले फिल्म ‘‘जब वी मेट‘‘ (2007) में दर्शकों ने इनकी जोड़ी और काम को बेहद पसन्द किया था। वैसे तो शाहिद और करीना ने ‘‘फिदा‘‘ (2004), ‘‘36 चाईना टाउन‘‘ (2005), ‘‘चुप-चुप के‘‘ (2006) जैसी फिल्मों में एक साथ काम किया, पर दर्शकों ने इनकी जोड़ी को सबसे ज़्यादा ‘‘जब वी मेट‘‘ के लिए ही सराहा, और उस समय यह दोनों रियल लाईफ (असल ज़िन्दगी) में भी एक दूसरे से प्यार करते थे, और उनके अलग होने के कुछ साल बाद अब रिलीज़ हुई उनकी यह फिल्म ‘‘मिलेंगे-मिलेंगे‘‘। वैसे तो यह फिल्म उस समय बनी जब इन दोनों (शाहिद-करीना) का प्रेम अपने चरम पर था पर कई कारणों से इस फिल्म को रिलीज़ होने में लगभग छः साल लग गए, आज ये दोनों (शाहिद-करीना) अलग हो चुके हैं, और आगे यह कभी साथ में फिल्म करेंगे या नहीं यह बात किसी को नहीं पता (शायद इनको भी नहीं पता होगा) इसलिए भी दर्शक इनकी जोड़ी को देखने के लिए इस फिल्म को देखना चाहते थे। आईए अब बात करते हैं इस फिल्म की , ‘‘मिलेंगे-मिलेंगे‘‘ एक लव स्टोरी है, जिसकी स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलाग्स में कोई भी नयापन नहीं है। यह फिल्म हालीवुड फिल्म ‘‘सिरेडीपिटी‘‘ का रिमेक है और इस तरह की कहानी, संवाद हम पहले भी कई हिन्दी फिल्मों में देख चुके हैं। यह फिल्म लगभग 2004 से बन रही है, अगर यह सही समय पर बनकर रिलीज़ होती तो यह शाहिद करीना की पहली फिल्म होती, आइए अब बात करते हैं इस फिल्म के गीत संगीत की इस फिल्म के गीतकार हिमेश रेशमिया हैं, और फिल्म के गीत समीर ने लिखे हैं, पर फिल्म के गीत और संगीत दोनों में ही दम नहीं है। शाहिद कपूर और करीना कूपर की इस फिल्म में न तो शाहिद के अभिनय में दम है और न करीना के अभिनय में, दोनों को देखकर लगता है कि यह इनकी उस समय की फिल्म है, जब उन्हें अभिनय करना ठीक से आता ही नहीं था (वैसे यह फिल्म उस वक्त ही बनी थी)। इनके अलावा किरण खेर, सतीश कौशिक, सतीश शाह, डेल्नाज़ पाल, हेमन्त पान्डे, विजय कश्यप और तनाज़ ईरानी ने भी इस फिल्म में अभिनय किया है, पर फिल्म में सतीश कौशिक (जो कि इस फिल्म के निर्देशक भी हैं) ने कमाल का अभिनय किया है, बतौर सेल्समेन विजय कश्यप ने भी उम्दा अभिनय किया है, हेमन्त पान्डे ने भी अपने किरदार को अच्छे से निभाया है, तनाज़ ईरानी फिल्म के कुछ ही सीन्स में है, पर उनका काम अच्छा है। आईए अब बात करते है इस फिल्म के निर्देशन की इस फिल्म के निर्देशक सतीश कौशिक इससे पहले भी ‘‘हम आपके दिल में रहते हैं‘‘, ‘‘हमारा दिल आपके पास है‘‘, ‘‘मुझे कुछ कहना है‘‘ और ‘‘तेरे नाम‘‘ जैसी कुछ उम्दा और सफल फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं, पर उनकी इस फिल्म में कुछ भी दम नहीं है, कहानी, अभिनय, गीत-संगीत और निर्देशन हर लिहाज़ से यह एक बेहद कमजोर फिल्म है। इसलिए मुझे नहीं लगता की ‘‘कुछ तो बाकी है‘‘ और मेरे हिसाब से ‘‘मिलेंगे-मिलेेंगे‘‘ को दर्शक मिलेंगे इस बात की मुझे तो ज़रा भी उम्मीद नहीं है, पर अगर आज शाहिद और करीना को साथ में देखना चाहते हैं, तो इस फिल्म को देख सकते हैं।
समीक्षक-अंकित मालवीय
E-mail ID: ankkitmalviyaa@gmail.com
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i like ur blog and its my fvrt mvy milenge milenge best of luck
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