हेलो फ्रेंड्स मैं हूँ,अंकित मालवीय,आज मै आपके लिए लेकर आया हूँ फिल्म "चिंटू का बर्थडे का रिव्यू,इस फिल्म का ट्रेलर 28may को रिलीज़ हुआ था और फिल्म का ट्रेलर देखकर मुझे लगा था की फिल्म कमाल की होगी,"चिंटू का बर्थडे" zee5 पे रिलीज़ हो चुकी हैं,आईए इसका रिव्यू करते हैं.
"चिंटू का बर्थडे" कहानी हैं एक 6 साल के बच्चे चिंटू और उसके परिवार की जो वैसे तो बिहार से हैं पर वो रहते इराक मे हैं,चिंटू वहां अपने पापा-मम्मी बड़ी बहन और नानी के साथ रहता हैं,चिंटू के पापा वहा वाटर प्यूरीफायर के सेल्समैन है और इराक-अमेरिका की लड़ाई के कारण वह अपने परिवार के साथ इंडिया वापस आना चाहते हैं.
जिसकी लिए वह कोशिश भी कर रहे हैं,इस बार चिंटू का पूरा परिवार चाहता हैं की वह "चिंटू का बर्थडे" अच्छे से मनाए जिसके लिए वह सब तैयारियां भी करते हैं,पर चिंटू के बर्थडे के दिन ही दो अमेरिकन सैनिक उनके घर मे घुस जाते हैं,आगे क्या होता हैं?वह सैनिक इनके घर क्यों घुसे हैं?वह चिंटू के परिवार के साथ क्या करते हैं?क्या चिंटू और उसकी फॅमिली उसका 6th बर्थडे मना पता हैं?ये सब देखने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी,मैं फिल्म की पूरी कहानी बताकर आपका मज़ा किरकिरा नहीं करना चाहता,इस फिल्म की कहानी का बैकड्रॉप अमेरिका-इराक की लड़ाई के एक साल बाद २००४ का हैं,पर ये वॉर फिल्म नहीं ये एक फॅमिली ड्रामा हैं.
जिसकी कहानी बिलकुल अलग और नई हैं,इस फिल्म का स्क्रीनप्ले भी बहुत कमाल का हैं जो आपको पूरी तरह बांध कर रखता हैं और आप पूरी फिल्म मे कही भी बोर नहीं होते,फिल्म के डायलॉग्स भी फिल्म की कहानी के हिसाब से ही लिखे गए हैं,जो आपको एक मिडिल क्लास बिहारी फॅमिली का भरपूर फील देते हैं,फिल्म के कुछ संवाद अरेबिक मे हैं जिनका सुब टाइटल इंग्लिश मे तो दिया गया हैं,पर हिंदी मे भी ये सुब-टाइटल्स का ऑप्शन दिया जाना चाहिए था,ताकि जिनको अंरेज़ी नहीं आती वो लोग भी उन डायलॉग्स को समझ पाते,फिल्म मे सिद्धार्थ दीवान का कैमरा वर्क अच्छा हैं,फिल्म के एडिटर चारु श्री रॉय की चुस्त एडिटिंग के कारण दर्शक फिल्म से नज़र नहीं हटा पाते,फिल्म मे निहारिका जॉली के कॉस्टतुमस भी फिल्म के किरदारों के हिसाब से परफेक्ट हैं,नरेन् चंदावरकर और बेनेडिक्ट टेलर का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के मूड के हिसाब से सही हैं,अभिनव शॉ का एनीमेशन खूबसूरत हैं,फिल्म का आर्ट डायरेक्शन और कास्टिंग भी एकदम परफेक्ट हैं.
आइए अब बात करते हैं फिल्म के एक्टर्स की,फिल्म मे चिंटू का रोल मे वेदांत राज छिब्बर अपनी एक्टिंग और मासूमियत से आपका दिल जीत लेंगे ,फिल्म मे चिंटू के पापा मदन तिवारी का किरदार विनय पाठक न निभाया हैं और उन्होंने पूरी फिल्म मैं अच्छी एक्टिंग की हैं,फिल्म मे सुधा यानि की चिंटू की मम्मी का रोल तिलोत्तमा शोम ने किया हैं और वह पूरी फिल्म मे वो नेचुरल लगती है,यही उनकी एक्टिंग का कमाल हैं,फिल्म मे चिंटू की नानी बनी सीमा पहावा ने इतनी खूबसूरती से अपना किरदार निभाया हैं की वो आपको आपकी नानी-दादी की याद दिला देंगी.
बिषा चतुर्वेदी फिल्म मे चिंटू की बड़ी बहन बनी हैं और उन्होंने आपने छोटे से रोले को भी बखूभी अदा किया हैं,फिल्म मे दोनों रेगीनाल्ड,नाथन जो की अमरीकन सैनिक बने हैं उनका काम भी अच्छा हैं,फिल्म मे चिंटू के दोस्त वहीद और ज़ैनब का काम उम्दा हैं,खासकर वहीद का,अब बात करते हैं फिल्म के डायरेक्शन की,इस १घन्टे २३ मिनट की फिल्म को सत्यांशु सींग और देवांशु सीगा ने डायरेक्ट किया हैं.
फिल्म की कहानी,स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स भी इन्ही दोनों भाइयों की जोड़ी ने लिखे हैं,और जितनी अच्छी कहानी,स्क्रीनप्ले और संवाद इन्होने लिखे हैं,उतना ही उम्दा इनका डायरेक्शन भी हैं,फिल्म देखकर लगता ही नहीं की बतौर डायरेक्टर ये इनकी पहली फिल्म होगी,जिनके लिए इनकी जितनी तारीफ की जाए वह कम ही होगी.तो अगर आप एक नई कहानी,अच्छा स्क्रीनप्ले और शानदार एक्टिंग देखना चाहते हैं तो ये फिल्म आपके लिए हैं,इसको आप अपने पूरे परिवार के साथ एन्जॉय करना न भूले,मेरी तरफ से मैं इस फिल्म को दूंगा 4 /5 स्टार्स,अगर आपने ये फिल्म देखी तो मुझे बताए आपको फिल्म कैसी लगी और मेरा इस फिल्म का रिव्यु कैसा लगा,अगर आपको मेरा रिव्यू पसंद आया तो मेरे ब्लॉग को लाइक,सब्सक्राइब और शेयर करना न भूले,अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद
अंकित मालवीय
Ankkit Malviyaa
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