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Thursday, May 27, 2010

KITES REVIEW


ऊँंची ऊड़ान भरने लायक नहीं हैं ‘‘काईट्स’’

निर्देशक - अनुराग बासु, निर्माता, कहानी - राकेश रोशन
स्क्रीनप्ले - अनुराग बासु, राबिन भट्ट, आकाश खुराना
संगीतकार - राजेश रोशन, सिनेमाटोग्राफी - अयन्का बोस
गीतकार - नासिर फराज़, आसिफ अली बेग
एडीटर - अविक अली

इस शुक्रवार इस साल की सबसे बहुप्रतीर्शित फिल्म ‘‘काईट्स’’ रिलीज हुई। काईट्स को विश्व भर की 2300 स्क्रीन में रिलीज किया गया। जिसमें से 1800 भारतीय और 500 विदेशी स्क्रीन पर इसे रिलीज किया गया। काईट्स आम हिन्दी फिल्मों से थोड़ी छोटी है इसके हिन्दी वर्जन जो कि (भारतीय दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है) कुल अवधि लगभग 130 मिनीट है और इसका अंग्रेजी वर्जन 90 मिनिट का है। ‘‘काईट्स’’ पर सभी की नजरे टिकी थी और सभी को इस फिल्म से काफी उम्मीद थी, पर अफसोस कि यह फिल्म उन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती है, इसका सबसे बड़ा कारण है, इसकी कमजोर कहानी, इसका स्क्रीनप्ले भी काफी कमजोर है, फिल्म के संवादों में भी कोई खास दम नहीं है और इन्हीं सब खामियों के कारण इस फिल्म के निर्देशन पर फर्क पड़ता है, क्योंकि जब फिल्म की आत्मा (कहानी, स्क्रीनप्ले, संवाद) में ही दम नहीं तो फिल्म के
निर्देशक अनुराग बासु अच्छी फिल्म कैसे बनाते, इस फिल्म के संवाद अंग्रेजी, स्पेनिश और हिन्दी में है, पर ज्यादातर डाॅयलाग्स अंग्रेजी और स्पेनिश में है जो कि इस फिल्म की एक सबसे बड़ी खामी है, क्योंकि हमारे देश में बहुत से लोगों को अंगे्रजी भाषा नहीं आती और स्पेनिश तो हमारे देश में बोली भी नहीं जाती है। काईट्स में रितिक रोशन और बारबरा मोरी ने मुख्य किरदार निभाया है, कबीर बेदी, कंगना रानाउन, निक ब्राउन और यारी सूरी भी अह्म भूमिकाओं में है। फिल्म में रितिक रोशन और बारबरा मोरी दोनों ने कमाल का अभिनय किया है और दोंनो बेहद खूबसूरत लगते हैं, जैसा कि हम सब जानते हैं कि रितिक रोशन एक लाजवाब डांसर है, और इस फिल्म में भी रितिक रोशन का डांस देखने लायक है, उन्होंने फिल्म में बेहद कठिन डांस को भी बेहद उम्दा ढंग से किया है। फिल्म में निक ब्राउन (नए कलाकार) ने अच्छा काम किया है। फिल्म में कंगना रानाउत का रोल बहुत छोटा सा है और उनके करने के लिए फिल्म में कुछ खास नहीं है, फिल्म में कबीर बेदी और यारी सूरी का काम ठीक-ठाक है। अब बात करते हैं ‘‘काईट्स’’ के गीत संगीत की, इस फिल्म के संगीतकार राजेश रोशन ने युवाओं को ध्यान में रखकर मधुर संगीत रचा है, जो कि फिल्म के रिलीज के पहले से ही लोकप्रिय हो चुका है, ‘‘काईट्स’’ के गीत नासिर फराज़ और आसिफ अली बेग ने फिल्म की सिचूएशन के हिसाब से लिखे हैं, नासिर फराज़ के सभी गीतों के बोल उम्दा है। इस फिल्म में रितिक रोशन ने पहली बार एक गीत गाया भी है ‘‘काईट्स इन द स्काॅय’’, ‘‘जिन्दगी दो पल की’’, ‘‘दिल क्यों मेरा’’ और ‘‘तुम भी हो वही’’ यह तीनों गीत दर्शकों को काफी पसन्द आऐंगे। लगभग 140 करोड़ के बजट की इस फिल्म की पूरी शूटींग विदेश (न्यू मैक्सिको और लाॅस वैगास) में की गई है, और फिल्म की सभी लोकेशन्स काफी खूबसूरत लगती है जो कि फिल्म के सिनेमाटोग्राफर अन्यका बोस के अच्छे कैमरा वर्क के कारण है, इस फिल्म को विदेशी दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, पर निर्देशक ने फिल्म में कई सीन भारतीय दर्शकों के हिसाब से भी रखे है,पर फिल्म को विदेशीकरण और भारतीयकरण करने के चक्कर में निर्देशक न तो ठीक से इसे भारतीय फिल्म बना पाए और न ही यह विदेशी फिल्मों की तरह है, निर्देशक ने भारतीय और विदेशी फिल्म की एक खिचड़ी बनाने की कोशिश की पर अफसोस की यह खिचड़ी बे-स्वाद है, हाँ पर अगर आप रितिक रोशन के फेन है या फिर आप खूबसूरत बारबरा मोरी को देखना चाहते है, तो आप यह फिल्म देख सकते हैं, पर मेरे हिसाब से ऊँंची ऊड़ान भरने लायक नहीं हैं ‘‘काईट्स’’।


समीक्षक-अंकित मालवीय
ankkitmalviyaa@gmail.com

1 comment:

  1. agreed. i was so excited about the movie but rakesh roshan made the movie only for the foreign countries to make his son popular in holly wood but it seems it din work out there too .lol.
    but its sad they are making a film in india but not for indian audience.

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