
निर्देशक-समीर कार्णिक,निर्माता-नितिन मनमोहन,समीर कार्णिक,लेखक-जसविंदर सिंह,छायांकन-कबीर लाल,संगीत-लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल,अनु मलिक,सन्देश शांडिल्य,नौमान जावेद, आर.डी.बी, राहुल बी सेठ,गीत-आनंद बख्शी, धर्मेंद्र, अनु मलिक, कामिल,नौमान जावेद, आर.डी.बी, राहुल बी सेठ,एडिटर-मुकेश ठाकुर, कला निर्देशक -जितेंद्र कावा, पार्श्व संगीत-संजोए चौधरी,एक्शन-अनालारसू,कोरियोग्राफी-बास्को-सीज़रकास्टयूम-तानिया देओल,शमायल खान,नीतू रोहरा,गगन ओबेराय इरशाद,निकुंज व्यास,शांतनु-निखिल
इस शुक्रवार रिलीज हुई फिल्म ‘‘यमला पगला दिवाना’’ के पहला प्रोमो 5 नबंवर 2010 को पहली बार सिनेमाघरों में दिखाया गया था और जिस किसी ने भी इस फिल्म का प्रोमो देखा, वह सभी लोग 14 जनवरी 2010 (यमला पगला दीवाना की की रिलिज डेट) का बेसबरी से इंतजार कर रहे थे, क्योंकि इस फिल्म प्रोमो गजब के थे, और हर आदमी जिसे फिल्में देखने का शौक है , इस फिल्म के सभी प्रोमोज को बार बार बार देखना चाहता था, इस फिल्म के प्रोमो की सबसे बडी सखसियत यह थी कि इसमें दर्शकों ने धर्मेन्द्र ,सनी देओल और बाबी देओल को एक साथ कॉमेडी करते हुए पहली बार देखा, हालांकि 2007 में इन तीनों (धर्मेन्द्र सनी और बॉवी) कि फिल्म ‘‘अपने’’ रिलीज हुई थी, जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया था, पर इस बार यह तीनों दोओल ( धर्मेन्द्र सनी और बाबी ) को ‘‘यमला पगला दीवाना’’ में कमेडी करते हुए देखने के लिए दर्शक बेताव थे, इस फिल्म का नाम ‘‘यमना पगला दिवाना’’ धर्मेन्द्र की ही फिल्म ‘‘प्रतिज्ञा’’ जो कि 1975 में रिलीज हुई थी के एक गाने‘‘ मैं जट यमला पगला दिवाना’’ से लिया गया है। मैं आपको इस फिल्म की कहानी बताकर आपको इस फिल्म को देखने का मजा किरकिरा नहीं करना चाहता, पर आपको यह जरूर बताना चाहता हूॅ कि जैसा कि इस फिल्म के पोस्टर पर लिखा है, ‘‘दुनिया वालों इस फिल्म में कॉमेडी है एक्शन है , रोमान्स है, ड्रामा है, मेेैलो ड्रामा, है इमोश्न है और मॉ कसम बहुत सारा कन्फयूजन है‘‘ यह बात बिलकुल सही है, हालांकि जब आप इस फिल्म को देखेगें तो फिल्म का पहला हाफ (इंटरवल से पहले ही फिल्म) आपको काफी स्लो लगेगी, और हो सकता है कि आपको यह एक उबाऊ फिल्म लगे पर ऐसा बिलकुल नहीं है क्योंकि ‘‘यमला पगला दीवाना’’ अपने सेकण्ड हाफ ( इन्टरवर के बाद कि फिल्म ) आपको अपना दिवाना बना देगी, ‘‘यमला पगला दिवाना ’’’ इंटरवल के बाद गति पकड़ती है और इंटरवल के बाद आपको इस फिल्म में एक से बढकर एक कामेडी एक्शन और एमोश्नल सीन्स देखने को मिलेगें, इस फिल्म के कई एक्शन सीन ऐसे भी है जिन्हें देखकर आप लोट पोट हो जाएगें और खूब तालिया भी बजाएगें, जैसे कि वो सनी जहां सनी गुन्डो की पिटाई करते है वे सीन जहां सनी अंग्रेजी में अपने भाई के रिश्ते की बात करते है, जैसे की वो सीन जहां सनी अंग्रेजी में चुनाव सभा में बोलते है जैसे की वो सीन जहां सनी देओल को शराब चड जाती है। वो सीन जिसमें धर्मेन्द्र लीवर को ठगते है, वो सीन जिसमें सनी की विदेशी बीवी हिन्दी में बात करती है, इस फिल्म में सनी देओल स्टाईल के कई एक्शन सीक्वेंन्स है जो कि आपको बेहद पसंद आयेगे, फिल्म मे ंधर्मेेन्द्र के भी कई एक्शन ओर कामेडी सीन्स आपको कमाल के लगेगें, वही बॉवी देओल के रोमेन्टिक और कामेडी दृश्यों को भी आप पसंद करेगें, अनुपम खेर और मुकुल देव के भी कुछ सीन्स आपको बेहद भा जाएगें, इस फिल्म में कई उन्दा इमोश्नल ड्रामा और मैलोड्रामा वाले सीन भी है। इस फिल्म मेे धर्मेन्द्र का अभिनय कमाल का है उन्होने जहां एक और भरपूर कामेडी की है, ड्रामा किया है तो वहीं फिल्म के इमोश्नल सीन्स में उनके लजबाव अभिनय ने जान डाल दी है, धर्मेन्द्र को देखकर लगता ही नही की वह 75 साल के है, वह इतनी उम्र होने के बावजूद भी बेहद खूबसूरत लगते है और इस फिल्म में उनके काम को देखकर लगता है कि वह हमारे देश के सबसे बडे और नेचुरल एक्टिग करने वाले अभिनेताओं में से एक है , इस फिल्म के एक्शन सीन में उन्होने 75 साल की होते हुए भी अच्छा एक्शन किया है और फिल्म के कुछ गानों में उन्होने अपनी पुरानी धर्मेन्द्र स्टाइल में डान्स भी किया है और उनके डान्स को देखकर लगता है कि उन्होने क्या खूब डान्स किया है, इस फिल्म मे ंधर्मेन्द्र से कंधे से कंधा मिलाते हुए सनी देओल ने भी कमाल का अभिनय किया है, फिल्म के एक्शन सीन्स और कामेडी सीन्स देखकर आप सनी के फेैन बन जाऐगे, उनकी डायलाग डिलेवरी स्टाइल और उनकी मुंह से निकले ‘‘जट रिस्की अफसर बाल्टी विस्की‘‘ जैसे कई संवाद सुनकर आप हस हंस के पागल हो जायेगे, वही ंफिल्म के क्लामैक्स सीन में भी सनी ने गजब का अभिनय किया है, खासतौर से जब सनी फिल्म के क्लामैक्स सीन में अपनी सनी देओल स्टाईल में चिल्लाते है, वो भी देखने लायक है, इस फिल्म में बॉवी देओल ने भी अच्छा अभिनय किया है, वह कॉमेडी सीन्स और कुछ रोमेन्टिक सीन्स में अच्छे लगते है। इस फिल्म कि हीरीईन कुलजीत राणधावा की यह पहली हिन्दी फिल्म है, इससे पहले कुलजीत ‘‘करीना करीना’’ नामक टीवी सीरियल और 2006 मे एक पंजाबी फिल्म में बतौर हिरोइन काम कर चुकी है, इस फिल्म में कुलजीत बेहद खूबसूरत लगती हे औ फिल्म में उन्होने अभिनय भी किया हेै।
फिल्म के अन्य कलाकारों में अनुपम खेर ने सरदार की भूमिका को जिया है, वही मुकुल देव का अभिनय भी देखने लायक है फिल्म में जॉनी लीवर का रोल छोटा है पर उन्होने उसमें भी गजब का अभिनय किया है, मॉ की भूमिका में नफीसा अति ने भी अच्छा अभिनय किया है, फिल्म में सनी की पत्नि की भूमिका निभाने वाली आस्टेलियन अभिनेत्री ऐमा ने छोटे से किरदार को भी तरीके से निभाया है, खासतौर पर उनके मुंह से निकली हिन्दी भाषा आपको भा जाएगी, फिल्म में पोली का किरदार निभाने वाली सुचित्रा खन्ना और विन्द्रा का किरदार निभा रहें अमित मिस्त्री को भी आप उनके दृश्यों में कमाल करते हुए देखेगें, इस फिल्म के गानों में ‘‘यमला पगला दीवाना’’ ‘‘टिंकू जिया’’ आपको बेहद पसंद आयेगें और ‘‘चड़ा दे रंग’’ भी ठीक ठाक ही लगेगा, पर इस फिल्म के टाईटल सांग ‘‘यमला पगला दीवाना’’ में तीनों देओल को अपन-अपने अंदाज में डान्स करते देखना अच्छा लगेगा, आप इस गाने को देखने के लिए इस फिल्म को फिर से देख सकते है, इसकी कोयोग्राफी तारिफे काबिल है। लगभग 24 करोड बजट की इस फिल्म को देखते हुए आपको इसकी और एक बात बेहद पसंद आएगी वो है, इस फिल्म के रंग-बिरंगे सुन्दर-सुन्दर कास्टयुम्स जो कि फिल्म के चरित्रों के हिसाब से तैयार किये गये हैं और वो उन पर जचते भी हैं। यहॉ मैं आपको एक बात और बताना चाहूॅगा, लगभरग 24 करोड लागत की इस फिल्म को इसके निर्माताओं ने इसके रिलीज के पहले ही इस फिल्म को बेच कर इसकी लागत वसूल ली है इसके बाद अब निर्माताओं को जो भी कमाई होगी वह फिल्म का प्रोफिट होगा। इस फिल्म का निर्देशन समीर कर्णीक ने किया है और बतौर निर्देशक यह उनकी पॉचवी फिल्म है, इससे पहले ‘‘क्यों हो गया ना’’ (2004), ‘‘नन्हे जैसलमेर’’ (2007), ‘‘ हीरोज ’’(2008),’’ वादा रहा’’ (2009), का निर्देशन कर चुके है और उनकी पहली फिल्म ‘‘क्यों होगया न’’ के अलावा उनकी हर फिल्म में देओल परिवार ( धर्मेेन्द्र, सनी, बाबी ) के किसी न किसी सदस्य ने अभिनय किया है। ’’यमला पगला दीवाना’’ में समीर ने पहली बार तीनो देओल को साथ में लिया और एक कामेडी फिल्म बनाने की कोशिश की है, इस फिल्म का फस्ट हाफ काफी स्लो है, बस यही इस फिल्म की एक बडी कमजोरी है इटरवल के बाद समीर कर्णीक की फिल्म कमाल की फिल्म लगती है, जो कि आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते है, हालाकि यह फिल्म मासेस की फिल्म है क्लास वाले शायद ही इसे बेहद पसंद करें यह फिल्म सिंगल सिक्रन पर बहुत चलेगी खास तौर से पंजाब, हरियाणा, यू.पी., बिहार, मध्यप्रदेश, के दर्शकों को यह फिल्म बहुत पसंद आएगी। मल्टीप्लेक्स आडिन्यस इस फिल्म को उतना पसंद नही करेंगे। जितना की सिंगल सिक्रिन के आडियन्स, आप से गुजारिश है कि इस फिल्म को देखने जायें तो दिमाग ना लगायें केवल मनोरंजन के लिए इस फिल्म को जरूर देखें। इस फिल्म की सबसे बडी खासियत यह है कि इस फिल्म मे ंएक भी द्विअर्थी संवाद (डबल मिनिग डायलाग) नहीं है और न ही कोई उलजलूल सीन है, जिसके लिए समीर कर्णीक बधाई के पात्र हैं, कि उन्होंने एक साफ सुथरी कॉमेडी फिल्म बनाई है।
फिल्म समीक्षक - अंकित मालवीय
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