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Saturday, July 3, 2010

I HATE LUV STROYS REVIEW


बिना स्टोरी की फिल्म है ‘‘आइ हेट लव स्टोरीज़’’
लेखक, निर्देशक - पुनीत मल्होत्रा, निर्माता - हीरू जौहर, करण जौहर, रोनी स्क्रूवाला, सिनेमाटोग्राफी - अन्यका बोस, संगीतकार- विशाल शेखर गीतकार -अन्विता दत्त, कुमा,र विशाल डडलानी, एडीटर - अविक अली, कोरियोग्राफी - बास्को-सीज़र, कास्टयूम - मनीष मल्होत्रा
इस शुक्रवार आइ हेट लव स्टोरीज ‘‘ रिलीज हुई, इस फिल्म के प्रोमो बहुत अच्छे थे, ओर यही कारण है कि दर्शक ( खासतौर से युवा वर्ग ) इस फिल्म को देखने के लिए बैचेन थे, इमरान खान, और सोनम कपूर अभीनीत इस फिल्म के निर्देशक पुनीत मल्होत्रा है, इससे पहले उन्होनें ‘‘ कभी खुशी कभी गम ’’ (2001ं) ‘‘ कल हो न हो ’’ (2003ं) जैसी उम्दा और सफल फिल्मों में करण जौहर के साथ बतौर करण जौहर के सहायक काम किया है। ‘‘ आइ हेट लव स्टोरीज़ ’’ एक रोमांटिक फिल्म है, जिसमें आपको कई पुरानी सफल रोमांटिक फिल्मों की झलक दिखेगी। इस फिल्म में कई पुरानी सफल रोमांटिक फिल्मों के दृश्यों और उन्हे बनाने वालों का मजा़क भी उड़ाया गया है और उसकी मदद से काॅमेडी पैदा करने की कोशिश की गई है, पर फिल्म के कुछ ही सीन्स जहां पुरानी रोमांटिक फिल्मों ओर उनको बनाने वालों का मजाक उड़ाकर कामेडी क्रिएट करने की कोशिश की गई है, हंसी आती है, पर ऐसे सभी दृश्यों ,पर हंसने का मन नहीं करता है, इस फिल्म की कहानी में कोई भी नयापन नहीं है। हम सब यह कहानी पहले भी कई फिल्मों में देख चुके है, फिल्म का स्क्रीन प्ले भी काफी कमजोर है। जिसके कारण दर्शक बीच बीच में बोर होने लगते हेै। सभी सफल रोमांटिक फिल्मों को उनके डाॅयलाक्स के लिए याद किया जाता है पर इस फिल्म में ऐसा कोई भी संवाद (डायलाॅग) नहीं है जो कि दर्शकों की जुबान पर चढ़ जाए। इस फिल्म के संवादों मे कोई भी दम नहीं है, रोमांटिक फिल्मों की खासियत होती है उनके दमदार इमोश्नल सीन्स, इस फिल्म में कई इमोश्नल सीन्स तो है, पर वह बेहद कमजोर है ओर उनमें इमोश्नस की कमी है, जिसके कारण उन्हें देखकर दर्शकों के मन मंें भी कोई भावना (इमोश्न ) पैदा नहीं होती है, क्योकि अच्छे इमोश्नल दृश्यों को देखकर तो उन्हें देखने वाले भी उनसे जुड जाते है और उनकी आंखे नम हो जाया करती है, पर इस फिल्म के इमोश्न दृश्यों मे वो ताकत नहीं है कि दर्शकों के आसू छलक जाए, आईए बात करते है इस फिल्म के गीत संगीत की। इस फिल्म में कुल 5 गाने हेै जिन्हें अंन्विता दत्ता, कुमार और विशाल डडलानी ने लिखा है ओैर फिल्म में विशाल-शेखर का संगीत है, ’’ जब मिला तू ’’, ‘‘ बिन तेरे ’’, ‘‘ आई हेट लव स्टोरीज ’’, सदका ’’, ‘‘बहारा ’’ फिल्म के इन सभी गीतों के बोल उमदा है और संगीत भी अच्छा है, इस फिल्म के एक गीत ‘‘ बहारा ’’ को श्रेया घोषाल ने गाया है, ओर उन्होनें इस गीत को कमाल का गाया है, उनकी आवाज में गाया गया यह गाना मिश्री के रस की तरह है ओैर यह श्रेया का ही जादू है कि यह गीत उनकी मिश्री की तरह मीठी आवाज के कारण बहुत अच्छा लगता है, इस फिल्म के कोयोग्राफर बाॅस्को सीजर ने फिल्म के टाईटल साग ‘‘ आइ हेट लव स्टोरीज ’’ को अच्छी तरह कोरियोग्राफ किया है, इस गाने के डान्स स्टेप्स युवाओं के जरूर पसंद आएगे, आईए, अब बात करते है इस फिल्म के कलाकारों की, इस फिल्म में इमरान खान और सोनम कपूर मुख्य भूमिका में है, ओैर दोनों की जोड़ी अच्छी लगती है, इमरान ने फिल्म में कुछ दृश्यों में अच्छा अभिनय किया है। पर फिल्म के कुछ सीन्स में वे नकली एक्टिंग और ओवर एक्टिंग करते है। सोनम कपूर ने अच्छा अभिनय किया है, ओैर फिल्म में वह इमरान से बेहतर लगती हेै। फिल्म के बाकी कलाकारों, समीर दत्तानी, समीर सोनी, केविन देव, खुशबू, श्राफ, ब्रुना अब्दुल्ला , केतकी देव, अन्जु महेन्दू, शिरिष शर्मा, असीम तिवारी, आमिर अली ओैर पूजा घई है, इनमें से समीर दत्तानी ठीक-ठाक लगते है, समीन सोनी ने फिल्म में एक फिल्म निर्देशक ( जो कि करण जौहर और संजय लीला भंसाली की तरह लगता है, ) का किरदार बडे ही उमदा तरीके से निभागया हेै। फिल्म में आमिर अली ( जो कि एक स्टार बने है ) का भी काम अच्छा है, केविन देव ने फिल्म में इमरान खान के दोस्त के पात्र को बखूबी निभाया है । आइए अब बात करते है फिल्म के निर्देशन की , इस फिल्म के निर्देशक पुनीत मल्होत्रा की बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है जिसे उन्होने ही लिखा है, इस फिल्म की कहानी कमजोर है, स्क्रीन प्ले भी दमदार नहीं है। पुनीत का निर्देशन भी कमजोर हेै, जिसके सभी पहलुओं का जिक्र मेंै ऊपर कर ही चुका हूॅ, वैसे तो, ‘‘आइ हेट लव स्टोरीज़’’ एक बेहद ही कमजोर फिल्म है, इसलिए दर्शक इसे पसंद करें इस बात की उम्मीद कम ही है, पर अगर आप इमरान खाॅन और सोनम कपूर की खूबसूरत जोडी ओैर अच्छे गीत संगीत को देखना चाहते है तो आप इस फिल्म को देख सकते हेै।
समीक्षक - अंकित मालवीय
E mail id:-ankkitmalviyaa@gmail.com
plz post ur comment abut this review n film,thanks,god bless,bye

3 comments:

  1. ya ... tru .. its just kind a funny ... wat kept me watchin it ... oderwise at a momnet i felt lyk leavin da theatre... !!
    its an OLD story line....
    anyways ... i hoped it 2 b gud.. :(

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  2. well said .... the movie was not upto the mark .... it was a good attempt at reviving the golden days of Indian Cinemas .......the only refreshing thing was the new pair of Imran and Sonam .... i think thats the only thing which drew the audience towards the hall ....
    anyways .... 1 might try to see it once ....

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  3. Well...Ankit you have mentioned almost all the points to critique this film, and i too agree with what u have written about the film...just one thing...u didnt mention the beautiful cinematography this film has...and very weak background score jo ki scenes ko zara bhi nahi ubharta...otherwise i liked your review a lot...

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