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Sunday, September 12, 2010

DABANGG REVIEW


‘‘किसी से नहीं दबेगा-दबंग’’
निर्देशक-अभिनव सिंग कश्यप, निर्माता-अरबाज खान, मलाइका अरोरा खान, धिलिन मेहता, लेखक-दिलीप शुक्ला, अभिनव सिंग कश्यप, एक्शन-एस. विजयन, एडिटर-प्रनव वी. धीवर, संगीतकार-साजिद-वाजिद, ललित पंडित, सिनेमेटोग्राफी-महेश लिमये, गीतकार-फैज़ अनवर, जलीस शेरवानी, ललित पंडित, गीत निर्देशक-फरहा खान, गणेश आचार्य, चिन्नी प्रकाश, राधिका राव, विनय सप्रू, कोरियोग्राफर-राजू खान, मुदस्सर खान, कोस्ट्यूम डिज़ाइनर-अलवेरा अग्निहोत्री खान, एशली रिबेलो, बैग्राउण्ड स्कोर-संदीप शिरोडकर,
इस शुक्रवार इस साल की सबसे चर्चित और बहुप्रतिक्षित फिल्म "दबंग" रिलीज हुई, मुझे याद है, जिस दिन टैलीविजन पर लोगों ने "दबंग" का पहला प्रोमो देखा था उसी दिन से इस फिल्म के रिलीज़ का इंतजार कर रहे थे, और टी.वी. पर जैसे-जैसे "दबंग" के एक के बाद एक सभी प्रोमो आए, वैसे-वैसे ही दर्शकों की इस फिल्म के प्रति उत्सुकता बढ़ती गई क्योंकि इस फिल्म के प्रोमो का जादू सभी पर खूब असर कर रहा था, और इसलिए लोगों को इस फिल्म से काफी उम्मीदें भी थी, और मुझे भी इस फिल्म के प्रोमोज़ को देखकर सत् प्रतिशत लग गया था कि यह एक कम्पलीट एंटरटेनिंग फिल्म होगी और मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि यह फिल्म सभी दर्शकों की उम्मीद पर खरी उतरी और जैसा मैंने सोचा था कि यह फिल्म एक कम्पलीट इंटरटेनर होगी जिसमें खूब एक्शन, उमदा गाने, अच्छे संवाद, इमोशनल सीन्स, अच्छा डांस, रोमेन्टिक सीन्स और सभी कलाकारों का बेहतरीन अभिनय देखने को मिलेगा, वो सभी मुझे इस फिल्म में देखने को मिला। यह फिल्म एक सम्पूर्ण मसाला फिल्म है, हालाकि "दबंग" की कहानी में कुछ खास नयापन नहीं है, पर जिस अंदाज में फिल्म को बनाया गया है, वो बिल्कुल अलग और नया है, जिसका जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोलेगा, मुझे इस बात का पूरा यकीन है, कि इस फिल्म में सलमान खान फिल्म के एक्शन दृश्य और इस फिल्म के गीत-संगीत और डांस के लिए हर कोई इस फिल्म को बार-बार देखना चाहेगा। "दबंग" में सभी चीजें लार्जर दैन लाइफ हैं और यही बात इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत है, क्योंकि फिल्म तो लार्जर दैन लाइफ ही होती है,"दबंग" की कहानी चुलबुल पाण्डे की कहानी है, चुलबुल एक पुलिस ऑफिसर है जिसका दिल बेहद बड़ा है, वह अपनी माँ के काफी करीब है पर उसकी अपने सौतेले पिता और सौतेले भाई से नहीं पटती, वो बुरे लोगों के साथ बहुत बुरा है, और जो लोग जरूरतमंद हैं, उनकी वो मदद भी करता है। चुलबुल पाण्डे कुछ-कुछ रोबिन हुड की तरह है।"दबंग" में चुलबुल पाण्डे का किरदार सलमान खान ने निभाया है और इस फिल्म को देखकर लगता है कि यह किरदार सिर्फ और सिर्फ सलमान खान ही कर सकते थे, अगर कोई और अभिनेता इस पात्र को अदा करता, तो वह इस पात्र और इस फिल्म के साथ नाइंसाफी होती। सलमान खान ने फिल्म में चुलबुल पाण्डे के पात्र को जिया है, उनकी चाल-ढ़ाल, उनकी संवादअदाएगी (डायलॉग डिलेवरी), उनका लुक, उनका डांस, उनका स्टाइल, सब कुछ लाजबाव है। फिल्म देखकर लगता है कि चुलबुल पाण्डे का किरदार फिल्म के लेखक ने सलमान खान को ध्यान में रखकर ही लिखा होगा, चुलबुल पाण्डे मतलब केवल सलमान खान ही हो सकता है। सलमान खान ने इस फिल्म में एक ओर जहाँ खूब एक से बढ़कर एक एक्शन सीन्स किए हैं, वहीं उनकी फिल्म की हीरोइन सोनाक्षी सिन्हा को पटाने की अदाऐं भी निराली है, वो मारधाड़ के दृश्यों में भी मोबाइल टोन सुनकर डांस करने लगता है जिससे आप हंसने पर मजबूर हो जाएंगे। वहीं फिल्म में कई ऐसे इमोशनल सीन्स भी हैं जहां आपकी आंखों से आंसू छलक जाएंगे, तो दूसरी ओर आप सलमान के डांस स्टैप्स देखकर खुद भी नांचने लगेंगे, फिल्म में सलमान के डायलॉग भी आपकी जुबान पर चढ़ जाएंगे, ‘‘जैसे कमीनी से याद आया’’, ‘‘जैसे हरामजादे से याद आया’’ इन संवादों की तरह ही इस फिल्म के बहुत से डायलॉग कमाल के हैं, और सलमान खान ने उन्हें अपनी स्टाइल में बोलकर उन संवादों में चार चांद लगा दिए। वैसे तो इस पूरी फिल्म में सलमान खान ने कहीं भी अपनी कमीज़ नहीं उतारी है, पर अगर सलमान खान की फिल्म हो और वो बिना शर्ट के न दिखे तो उनके चाहने वालों को मजा नहीं आता और इस फिल्म के क्लाइमेक्स सीन में सलमान बिना शर्ट के गजब के लगते हैं। यह सीन आपके दिलोदिमाग पर बस जाएगा। फिल्म में सलमान के अभिनय को देखकर आप भी मान जाएंगे कि "दबंग" तो सलमान खान ही हैं। इस फिल्म में सलमान के अभिनय की मैं जितनी तारीफ करूं वह कम ही होगी, यह सलमान खान की फिछली फिल्मों से एकदम अलहदा (अलग) है और सलमान की अभी तक की परफोरमेन्स में एक और बहतरीन परफोरमेन्स है, इसके लिए वह कई अवॉर्डों के हकदार हैं। इस फिल्म की हीरोइन सोनाक्षी सिन्हा (अभिनेता शत्रुधन सिन्हा की सुपुत्री) की यह पहली फिल्म हैं पर पर्दे पर उन्हें देखकर नहीं लगता कि यह उनकी पहली फिल्म होगी, क्योंकि उनका कॉन्फिडेन्स लेवल गज़ब का है, उनके संवाद कम और उनकी आँखें ज्यादा बोलती हैं, फिल्म में सोनाक्षी बेहद खूबसूरत भी लगती हैं, फिल्म के अन्य किरदारों की बात करें तो फिल्म के खलनायक सोनू सूद का अभिनय कमाल का है, वहीं डिंपल कपाड़िया और विनोद खन्ना ने भी लाजबाव अभिनय किया है। फिल्म में अरबाज खान, अनुपम खेर, महेश मांजरेकर, माही गिल और ओम पुरी सभी ने अपने-अपने पात्र को अच्छी तरह से निभाया है। "दबंग" का गीत-संगीत भी शानदार है, फिल्म के सभी गानें "तेरे मस्त मस्त दो नैन","मुन्नी बदनाम","चोरी किया रे","हमका पीनी है" और "दबंग-दबंग" सभी एक से बढ़कर एक और एक दूसरे से जुदा हैं, फिल्म के संगीतकार साजिद-वाजिद ने फिल्म के लिए मधुर धुने तैयार की हैं जो सबको झूमने पर मजबूर करेंगी। वहीं फिल्म के गीत तीन गीतकार फैज अनवर, जलीस शेरवानी और ललित पंडित ने लिखे हैं,"तेरे मस्त मस्त दो नैन" फैज अनवर ने लिखा है जिसे राहत फतह अली खान ने बेहद उमदा गाया है और इस गीत के बोल सुनकर लगता है कि फैज अनवर ने क्या खूब गीत लिखा है, फैज अनवर के मस्त मस्त ये बोल सबके दिल का चैन ले लेते हैं, वहीं फिल्म का एक गाना "मुन्नी बदनाम" ललित पंडित ने लिखा और इसका संगीत भी उन्हीं ने तैयार किया हैं। यह गाना भी हर जगह अपना जादू चला रहा है, और युवा पीढ़ी भी इस गाने की दिवानी हो गई हैं। फिल्म के अन्य सभी गीत जलीस शेरवानी ने लिखे हैं, उनके गीत " चोरी किया रे" को सोनू निगम और श्रेया घोशाल ने बेहद सुरीले अंदाज में गया है और इस गाने के बोल भी बेहद रोमांटिक हैं, जलीश शेरवानी के लिखे "हमका पीनी है" और "दबंग-दबंग" गीत भी आपको भा जाएंगे, इस फिल्म का बैग्राउण्ड स्कोर संदीप शिरोडकर ने तैयार किया है, और उनका बैग्राउण्ड स्कोर अच्छा है, बिल्कुल फिल्म के मूड़ के हिसाब से हैं। इस फिल्म में आपको एक से बढ़कर एक डांस स्टैप्स देखने को मिलेंगे खासतौर से सालमान खान के डांस स्टैप्स और "मुन्नी बदनाम" में मलाइका अरोरा खान के बहतरीन डांस स्टैप्स जिसे इस गाने की सौंग और डांस डायरेक्टर फरहा खान ने बखूबी किया है, और मलाइका अरोरा खान ने भी इस गाने के लिये कड़ी मेहनत की है जो कि पर्दे पर उनके गाने में दिखती है। इस फिल्म में एस. विजयन का एक्शन है और उन्होंने इस फिल्म के लिए क्या कमाल एक्शन दृश्य रचे हैं और उन्हें बखूबी सलमान खान और बाकी कलाकारों से करवाया भी है। इस फिल्म में एस. विजयन का रचा एक्शन देखकर चकित रह जाएंगे और दांतो तले उंगली दबा लेंगे। इस फिल्म का एक्शन देखकर आपकी आंखें फटी की फटी रह जाएंगी, इस फिल्म में ऐसे एक्शन सीन्स हैं।"दबंग" में महेश लिम्ये की सिनेमेटोग्राफी भी काफी अच्छी है, फिल्म के लेखक दिलीप शुक्ला और अभिनव सिंह कश्यप ने फिल्म के लिये बेहद उमदा स्क्रीनप्ले, डायलॉग, और एक से बढ़कर एक जुमले और तकियाकलाम लिखे हैं, जो सबकी जुबान पर चढ़ जाएंगे। इस फिल्म के एक सीन में चुलबुल पाण्डे (सलमान खान) एक पुलिस वाले को गुटखा न खाने को कहता है, वहीं एक दूसरे सीन में वो पल्स पोलियो की दो बंद की बात भी करता है यह बेहद अच्छी बात है कि फिल्म के जरिए सलमान खान ने लोगों को बेहद अहम संदेश देने की कोशिश की है। सलमान ने अपनी फिल्म"वॉन्टेड" में भी गुटका न खाने का मैसेज दिया था, यह एक सराहनीय बात है कि इंटरटेनमेन्ट के साथ-साथ फिल्म दर्शकों को कुछ बेहद अहम संदेश भी दिये जाऐं। इस फिल्म की अवधी दो घंटे पांच मिनिट हैं पर यह फिल्म कहीं भी झिलाऊ नहीं लगती क्योंकि इसका स्क्रीनप्ले अच्छा है और इस फिल्म के एडीटर प्रनव वी. धीवर ने फिल्म् की एडीटिंग भी काफी चुस्त-दुरूस्त की हैं। लगभग 45 करोड़ लागत की इस फिल्म के लिये अलविरा अग्निहोत्री खान और एशली रिबिलो के तैयार किये गये कॉस्ट्यूम्स भी आपको पसंद आएंगे। इस फिल्म के निर्देशक अभिनव सिंग कश्यप की यह पहली फिल्म हैं, और उनके सधे हुये निर्देशन के कारण ही यह फिल्म इतनी शानदार बनी हैं। अभिनव ने "दबंग" को एक सम्पूर्ण मसाला फिल्म बनाया है जिसे सभी वर्ग के दर्शक जरूर पसंद करेंगे। इस फिल्म को आप अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर देख सकते हैं। आपको यह फिल्म बेहद भा जाएगी, ऐसा मेरा विश्वास है, ऐसी बेहतरीन मसाला फिल्म बनाने के लिए अभिनव सिंग कश्यप, सलमान खान, अरबाज खान और इस फिल्म से जुड़े सभी लोग बधाई के पात्र हैं।

समीक्षक-अंकित मालवीय
E-mail ID: ankkitmalviyaa@gmail.com

7 comments:

  1. ITS A WELL MADE REVIEW IN A SENSE ITS A VERY NEW.YOU USE YOUR IDEA AND DIALOUGES OF FILM IN YOUR REVIEW VERY TACTFULLY .

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  2. The language of this review was very simple as if a layman has written it...all points are covered...though i felt it was very long...a more insight on the screenplay would have been good...all the best buddy...

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  3. anamikashah.model@yahoo.inSeptember 15, 2010 at 8:48 AM

    I read ur review the best thing is tht u covered each n every point in ur review,n ur language is so good so each n every common men cn understands,most of the critics uses very typicall words so ppl cn understand tht wht they wanna communicate,ur the best critic,as u write for common men,thx for ur review

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  4. Review shows a clear concept of film as well its language is also so simple that every one get it easily good work

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  5. hey u written story also so i dint read fully becoz i want to see movie

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  6. nice but i cant understand hindi writing pl write in english next time.. but its nice

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  7. wow man..you have given so many details of the movie..

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